Sunday, October 1, 2023

अभी मैं किसी की नज़र में नहीं हूँ

 कल रविवार शृंखला में अपना एक मुक्तक प्रस्तुत करना था l अति व्यस्तता में सम्भव नहीं हो पाया l 

आज आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ ,पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया प्रदान कर हौसला आफ़ज़ाई करें 🙏

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Wednesday, September 15, 2021

बचपन छूट गया - विनोद पाण्डेय

मुक्तक - 5


एक पुराना सपना फिर आँखों में आया था
तभी हवा ने रुख़ बदला वो सपना टूट गया
ट्रेन बनारस से दिल्ली को जैसे ही छूटी
लगा दोबारा मिलकर जैसे बचपन छूट गया


~विनोद पाण्डेय

बीमार संभालें या बाजार संभालें- विनोद पाण्डेय

मुक्तक - 4


हालात बड़े ही बुरे दिखने लगे हैं अब

जनता गुहार कर रही,सरकार संभाले 

सरकार इसी कश्मकश में जूझ रही है  

बीमार संभालें या बाजार संभालें

  

---विनोद पाण्डेय



Tuesday, September 14, 2021

हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ 2021 - विनोद पाण्डेय

मुक्तक -3


सूट-बूट हो भले विदेशी दिल देशी कहलायेगा 
हिन्दुस्तानी कहीं रहे हिंदी को गले लगाएगा 
भले झाड़ता हो कोई दिन-रात सिर्फ अंग्रेजी ही 
बाथरूम के अंदर तो हिंदी गाना ही गायेगा l








~विनोद पाण्डेय

हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ

Monday, September 13, 2021

पतन हो रहा है आज - विनोद पाण्डेय

मुक्तक -2 


भारी है बीमारी न कोई दिख रहा इलाज 

संवेदनाएँ मर रहीं ग़ायब है शर्म-लाज 

हम गिन रहे हैं सिर्फ़ सियासत में कमी पर 

पूरे समाज का ही पतन हो रहा है आज




~ विनोद पाण्डेय