चंद लम्हें थे मिले,भींगी सुनहरी धूप में, हमने सोचा हँस के जी लें,जिन्दगानी फिर कहाँ
Saturday, May 30, 2009
पानी वर्सेज शराब- दास्तान उस शॅक्स की दुनिया जिसे शराबी कहती हैं
Friday, May 22, 2009
संजय दत्त डाइरेक्ट प्रधानमंत्री जी से लड़ेंगें. ..
बहुत दिन बीत गये आपको हंसाएँ, तो सोचा आओ फिर से हम आपको अपनी मुस्कुराती हुई काल्पनिक दुनिया की शैर कराते हैं, देश मे परिवर्तन के कुछ हालत दिखाई पड़ रहे थे,बस बैठ गया सोचने, देखिएगा, मैं श्योर हूँ,आप अपनी हँसी रोक नही पाएँगे..
राजनीति से फिल्मी सितारों का प्यार,
नोट के चपेट के लपेट मे सरपेट गये,इतने की,
संसद मे जाने को हो गये तैयार.
इसी चाहत मे जनाब ने बड़े-बड़े धक्के खाए,
मत पूछिए जनता ने कौन कौन से दिन दिखलाए,
कुछ खड़े थे,कुछ स्टेपनी बने, साथ मे घूमने आए थे,
भाषण तो आता नही था,डायलॉग ही चिपकाए थे,
मेरे देशवासियों,वोट देके देखो,फिर सुबह होगी,
नही दिखेगा, कही कोई भी,भूखा,नंगा और रोगी,
मौत के सौदाग़र के साथ खूनी खेल मे, बिन मौत मरेगा.
जो इस बेनाम बादशाह के साथ टकराने की, जुर्रत करेगा.
जीने नही दूँगा,दुश्मनो को जिंदा जला कर राख कर दूँगा,
चाँद तक दौड़ा कर मिसाइल से खाक कर दूँगा,
उनके नापाक इरादों के आगे, दीवार सा ठन जाऊँगा,
दिलीप कुमार से सन्नी देओल तक बन जाऊँगा.
ऐसे ही उटपटांग बातों से जनता को फुसला रहे थे,
कभी कॉमेडी के हीहीआते हीरो,कभी ट्रेजडी किंग बन जा रहे थे,
दाँत निपोरी से पार्लियामेंट तक के स्वप्न-ए-सफ़र मे डूब कर,
अपनी अदाकारी,कलाकारी,वफ़ादारी का तूनतूना बजा रहे थे.
अगर ऐसे ही बढ़ता रहा,सिलसिला इनके चुनाव लड़ने का,
मसिडीज़ छोड़ कर,बिना ब्रेक की साइकिल पर चढ़ने कर,
तो देखना आने वाला अगला चुनाव और भी मजेदार होगा,
जब दमदार नेताओं और फिल्मी सितारो के बीच मार होगा,
सोनिया के साथ ऐश्वर्या राय चुनावी पारी खेलेंगी,
विपाशा बशु को,सीधी सादी ममता बनर्जी जी झेलेंगी,
मेनका के सामने उर्वशी ढोलकिया रंग भरेंगी,
अंबिका सोनी को मल्लिका शेरावत दंग करेगी,
नरेंद्र मोदी से तुषार कपूर टकराएँगे,
लालू के रास्ते मे नाना पाटेकर अड़ेगें,
संजय दत्त डाइरेक्ट प्रधानमंत्री जी से लड़ेंगें.
अर्जुन सिंह के क्षेत्र से,ग़ज़नी स्टार खड़े मिलेंगे,
अपने रामपाल भइया भी,हाथी पर चढ़े मिलेंगे,
विनय पाठक,लालजी टंडन के वोट पर चोट मारेंगे,
विलास राव देशमुख, देखना, अपने ही बेटवा से हारेंगे.
इनके भी,अपने पार्टीओं की बड़ी बड़ी मीटिंग होगी,
देश चलाने के लिए,आपस मे दन,दना,दन सेटिंग होगी,
जान अब्राहम सामाजिक कल्याण,नशा उन्मूलन पर ज़ोर डालेंगे,
इमरान हाशमी युवाशक्ति जन मोर्चा की, बागडोर संभालेंगे.
शाहरुख ख़ान राष्ट्रीय खेल और जागरूकता बढ़ाएँगे,
परेश रावल जातीय समीकरण गड़बड़ाएंगे,
सन्नी देयोल तो वही बॉर्डर पर ही पड़े रहेंगे,
सपरिवार दुश्मनो के आगे मिसाइल लेकर खड़े रहेंगे.
सोचने मे ही हँसी आती है,ये क्रांति कैसी रंग लाएगी,
क्या मल्लिका सेरावत खद्दरधारी वस्त्र पहन पाएँगी,
जब कभी शांति यात्रा मे जाने के विचार दिल में ज़गेंगे,
तब सलमान ख़ान कुर्ते और टोपी मे कैसे लगेंगे.
बड़े ही सुंदर सुंदर लोग दिखेंगे,संसद के परिवेश मे,
गीत,संगीत ताक धीना-धिन,जम कर होगा खद्दरधारी वेश मे,
शूटिंग से जब फुरसत होगी,तो देश की बातें सोचेंगे,
क्या कर सकते है,वो सोचो अपने प्यारे देश मे.
इसके बाद कभी जब हम अपनी समस्या लेकर जाएँगे,
तब ये बैठ कर हमे मूवी का डायलॉग सुनाएँगे,
अपने देश मे लगी आग से जब हमारे परिजन मरेंगे,
और ये संसदीय उपवन मे डांस की प्रैक्टिस करेंगे.